भारत ने छठ पर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के लिए बहुराष्ट्रीय नामांकन की दिशा में कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार का मानना है कि यह पर्व न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों में बसे प्रवासी समुदायों की सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है।
संस्कृति मंत्रालय ने इस पहल के तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सूरीनाम और नीदरलैंड्स के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधियों से सहयोग मांगा है। इन देशों ने इस पहल का स्वागत करते हुए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। गौरतलब है कि इन देशों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो वहां छठ पर्व को बड़े उत्साह और पारंपरिक तरीके से मनाते हैं।
छठ पूजा भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में विशेष रूप से मनाई जाती है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। भक्तजन व्रत, उपवास, नदी या तालाब में डूबकर अर्घ्य देने जैसी कठिन साधनाओं के माध्यम से प्रकृति और सूर्य के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
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यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल होना किसी परंपरा या पर्व की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को मजबूत करता है और उसके संरक्षण तथा संवर्धन के प्रयासों को बढ़ावा देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छठ पर्व को इस सूची में स्थान मिलता है तो यह न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का गौरव बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी पहचान को और मजबूती मिलेगी।
यह पहल भारत की समृद्ध लोक परंपराओं और उनकी वैश्विक महत्ता को रेखांकित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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