रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से आह्वान किया है कि वे केवल पारंपरिक खतरों ही नहीं, बल्कि बदलते वैश्विक परिदृश्य और असामान्य चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया अशांत वैश्विक व्यवस्था, क्षेत्रीय अस्थिरता और तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य से गुजर रही है, जिसके चलते सशस्त्र बलों के लिए लगातार आकलन और तैयारी अनिवार्य हो गई है।
राजनाथ सिंह ने जोर दिया कि आधुनिक युद्ध केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें साइबर हमले, ड्रोन तकनीक, जैविक खतरों और सूचना युद्ध जैसे नए रूप सामने आ रहे हैं। इन परिस्थितियों में, भारत को अपनी सुरक्षा रणनीतियों और क्षमताओं को समय के अनुरूप ढालना होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने अतीत में हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा सुनिश्चित की है और भविष्य में भी यही संकल्प अपेक्षित है। रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सेनाओं को सभी आधुनिक साधन और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे किसी भी चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।
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उन्होंने अधिकारियों और जवानों से कहा कि बदलती परिस्थितियों में लचीली रणनीति और उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण आवश्यक है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा केवल उसकी सीमाओं पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह आर्थिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और वैश्विक साझेदारियों से भी जुड़ी हुई है।
रक्षा मंत्री का यह संदेश इस बात का संकेत है कि भारत अपने सशस्त्र बलों को भविष्य की असामान्य और अप्रत्याशित चुनौतियों के लिए तैयार कर रहा है।
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