भारत के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार (28 दिसंबर, 2025) को बांग्लादेश पुलिस के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि इस्लामी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के आरोपी बांग्लादेश से भागकर भारत के मेघालय राज्य में प्रवेश कर गए हैं। भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस तरह के दावे तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं और भारत की ओर से ऐसी किसी भी अवैध घुसपैठ की पुष्टि नहीं की गई है।
यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एस.एन. नज़रुल इस्लाम ने बयान दिया था कि 12 दिसंबर को हुई गोलीबारी की घटना में हादी की हत्या के दो संदिग्ध—फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख—स्थानीय लोगों की मदद से सीमा पार कर मेघालय में दाखिल हो गए। बांग्लादेशी पुलिस अधिकारी ने यह भी दावा किया था कि संदिग्धों की मदद करने वाले दो स्थानीय सहयोगी भारतीय अधिकारियों की हिरासत में हैं।
भारतीय सूत्रों ने इन दावों को सिरे से नकारते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सतर्क हैं और किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि या संदिग्ध आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाती है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सुरक्षा सहयोग की मजबूत व्यवस्था है और किसी भी मामले में तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई की जाती है।
और पढ़ें: पांच दशक बाद साबरमती बाढ़ पीड़ितों को मिला जमीन का हक, अहमदाबाद में 330 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन
सूत्रों के अनुसार, इस तरह के संवेदनशील मामलों में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने के बजाय दोनों देशों के बीच स्थापित कूटनीतिक और सुरक्षा चैनलों के माध्यम से जानकारी साझा की जानी चाहिए। भारत ने दोहराया कि वह पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध और आपसी विश्वास बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
शरीफ उस्मान हादी की हत्या को लेकर बांग्लादेश में जांच जारी है और यह मामला वहां की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भारत ने उम्मीद जताई कि तथ्यों की गहन जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा, ताकि द्विपक्षीय संबंधों पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।
और पढ़ें: सीरिया में अलावी मस्जिद बम धमाके के बाद हिंसक प्रदर्शन, कम से कम तीन की मौत