भारत ने सीरिया में असद शासन के पतन के बाद नई सरकार के साथ अपना पहला आधिकारिक संपर्क स्थापित किया है। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पश्चिम एशिया) सुरेश कुमार ने सीरियाई विदेश मंत्री अल-शैबानी से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, सुरेश कुमार ने सीरिया के स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की, जिसमें फार्मास्यूटिकल सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। भारत ने इस अवसर पर सीरिया को 5 मीट्रिक टन जीवनरक्षक दवाओं की खेप सौंपी, जो सीरिया की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद करेगी।
ध्यान देने योग्य है कि सीरिया में नई सरकार का नेतृत्व एक पूर्व अल-कायदा नेता कर रहा है, जिसने असद शासन के पतन के बाद सत्ता संभाली है। इसके बावजूद भारत ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सीरिया के साथ सहयोग जारी रखने का संकेत दिया है।
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भारतीय विदेश मंत्रालय का मानना है कि स्वास्थ्य, दवाओं की आपूर्ति और मानवीय सहायता जैसे मुद्दों पर सहयोग सीरिया की जनता के लिए अहम है। मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने भविष्य में शिक्षा, पुनर्निर्माण और दवा निर्माण क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर भी चर्चा की।
विश्लेषकों का कहना है कि यह मुलाकात भारत की पश्चिम एशिया में संतुलित कूटनीतिक नीति को दर्शाती है। भारत ने हमेशा संघर्षग्रस्त देशों में मानवीय सहायता को प्राथमिकता दी है और यह कदम उसी नीति का हिस्सा है।
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