देशभर में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर से ऊपर पहुँच गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं और यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इसी बीच, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम को तैनात किया है। यह टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी और नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश के कारण नदियाँ उफान पर हैं और कई गाँवों में पानी घुस गया है।
पंजाब की स्थिति सबसे अधिक गंभीर बताई जा रही है। राज्य को 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। एनडीआरएफ और सेना की टीमें नावों और हेलिकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा रही हैं। हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों की रणनीति बना रही हैं।
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