भारत सरकार ने विदेशी पेशेवरों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित कर दिया है, जिससे घरेलू कंपनियों को मशीनरी स्थापना, गुणवत्ता जांच, प्रशिक्षण और प्लांट डिजाइन जैसे कार्यों के लिए आवश्यक विशेषज्ञ सेवाएं आसानी से मिल सकेंगी। यह कदम विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए मददगार माना जा रहा है जो चीन जैसे देशों से मशीनरी आयात करती हैं।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने बताया कि भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी पेशेवरों को आमंत्रित करने के लिए ई-प्रोडक्शन इन्वेस्टमेंट बिज़नेस वीज़ा (EB-4 वीज़ा) के तहत स्पॉन्सरशिप लेटर जारी करने हेतु एक ऑनलाइन मॉडल शुरू किया गया है। यह डिजिटल मॉडल 29 नवंबर को लॉन्च किया गया था और यह भारत में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है।
एक अधिकारी के अनुसार, पहले वीज़ा प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली थी, लेकिन नए सिस्टम के जरिए अब भारतीय कंपनियां कम समय में विदेशी विशेषज्ञों के लिए ई-वीज़ा प्राप्त कर सकेंगी। अब तक 129 स्पॉन्सरशिप लेटर जारी किए जा चुके हैं।
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विदेशी पेशेवर इन स्पॉन्सरशिप लेटर के आधार पर वीज़ा के लिए आवेदन करेंगे और भारतीय विनिर्माण इकाइयों में सेवाएं देंगे। अधिकारियों का कहना है कि अब वीज़ा जारी होने में लगने वाला समय पहले की तुलना में काफी कम होगा। यह सुविधा पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना) और गैर-पीएलआई दोनों तरह की कंपनियों के लिए उपलब्ध है।
अगस्त 2025 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के तहत वीज़ा व्यवस्था में बदलाव किए गए थे। इसके अनुसार, मशीनरी की स्थापना और कमीशनिंग जैसे कार्य, जो पहले रोजगार वीज़ा के अंतर्गत आते थे, अब बिज़नेस वीज़ा श्रेणी में शामिल किए गए हैं।
इसके साथ ही बिज़नेस वीज़ा व्यवस्था के तहत प्रोडक्शन इन्वेस्टमेंट वीज़ा की नई उप-श्रेणी बनाई गई है, जिसे बी-4 (EB-4) वीज़ा कहा गया है। यह वीज़ा विदेशी विषय विशेषज्ञों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मियों को भारतीय कंपनियों में उत्पादन से जुड़े कार्यों के लिए आमंत्रित करने में सहायक होगा।
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