भारतीय रेलवे ने देश की पहली हाइड्रोजन चालित ट्रेन कोच का चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में सफल परीक्षण किया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की।
अपने पोस्ट में उन्होंने बताया कि यह परीक्षण भारत की हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन तकनीक में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत वर्तमान में 1,200 हॉर्सपावर की हाइड्रोजन ट्रेन पर कार्य कर रहा है, जो पूरी तरह स्वदेशी है और देश को इस अत्याधुनिक तकनीक में वैश्विक अग्रणियों की श्रेणी में खड़ा करेगा।
हाइड्रोजन ट्रेनें पारंपरिक डीज़ल या बिजली से चलने वाली ट्रेनों की तुलना में कहीं अधिक पर्यावरण अनुकूल होती हैं, क्योंकि इनसे केवल जलवाष्प उत्सर्जित होता है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "हरित भारत" और "ऊर्जा आत्मनिर्भरता" के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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रेल मंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रौद्योगिकी के विकास से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यह देश की उन्नत रेल प्रणाली और तकनीकी नवाचार को भी दर्शाता है।
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इस प्रोजेक्ट को निर्धारित समय से पहले पूरा किया है, जो भारतीय रेलवे की इंजीनियरिंग क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
यह परीक्षण भारत की रेल यात्रा को एक नए युग में प्रवेश कराता है, जहां स्वच्छ ऊर्जा के साथ गति और तकनीक का समावेश होगा।
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