भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपनी सामरिक साझेदारी की व्यापक समीक्षा की है। इस उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहराई देने पर चर्चा की।
बैठक के दौरान व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और उभरती तकनीक जैसे कई अहम क्षेत्रों पर विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों ने स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों ने नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं और भविष्य में इन्हें और मजबूत करने की बड़ी संभावनाएँ मौजूद हैं।
विशेष रूप से ऊर्जा और नवीकरणीय स्रोतों में सहयोग पर जोर दिया गया। भारत और यूएई ने ऊर्जा सुरक्षा, हरित ऊर्जा परियोजनाओं और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में संयुक्त पहल करने का संकल्प जताया। इसके साथ ही, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए अवसरों की तलाश करने और कारोबारी माहौल को और सरल बनाने पर भी सहमति बनी।
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रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, तकनीकी नवाचार, अंतरिक्ष अनुसंधान और स्टार्टअप इकोसिस्टम में साझेदारी को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत और यूएई के नेताओं ने विश्वास जताया कि इस साझेदारी से न केवल दोनों देशों को लाभ होगा बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को भी मजबूती मिलेगी।
स्पष्ट है कि भारत और यूएई की सामरिक साझेदारी अब पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर भविष्य की चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखते हुए और व्यापक होती जा रही है।
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