केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार (11 दिसंबर, 2025) को कहा कि यदि अमेरिका भारत द्वारा दिए गए प्रस्ताव से संतुष्ट है, तो उसे द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर “डॉटेड लाइन” पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए। उन्होंने यह प्रतिक्रिया अमेरिका के ट्रेड प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीयर के बयान पर दी, जिन्होंने कहा था कि भारत ने अब तक का “सबसे बेहतर” प्रस्ताव दिया है।
मुम्बई में The Indian Witness से बातचीत में गोयल ने कहा कि यदि अमेरिकी प्रशासन खुश है, तो समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने भारत के प्रस्ताव के विवरण बताने से इनकार कर दिया। गोयल ने यह भी बताया कि अब तक अमेरिका के साथ पाँच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर की भारत यात्रा किसी नई बातचीत पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह एक-दूसरे को बेहतर जानने का प्रयास है।
दिल्ली में दो दिन चली भारत-अमेरिका वार्ता समाप्त हो चुकी है, जिसमें वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने भाग लिया। दोनों देशों ने व्यापार और आर्थिक संबंधों पर चर्चा की, जिसमें प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) भी शामिल है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर वार्ता भी हुई, जिसमें आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
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अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक शुल्क लगाए जाने के बाद यह सौदा और भी अहम हो गया है। बढ़े हुए शुल्क ने भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ाया है, जबकि अमेरिका भारत के कुल निर्यात का लगभग 18% हिस्सा है। अमेरिका कृषि उत्पादों और औद्योगिक वस्तुओं पर रियायत चाहता है, लेकिन भारत किसानों और MSMEs के हितों से समझौता करने को तैयार नहीं है। भारत का कहना है कि शुल्क संबंधी मुद्दों का समाधान ही व्यापार समझौते का पहला चरण तय करेगा।
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