भारत ने अमेरिका और रूस के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक का स्वागत किया है। भारत ने इस शिखर बैठक को समर्थन देते हुए कहा है कि वह इस प्रयास का पूरा समर्थन करने के लिए तैयार है।
यह बैठक वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि अमेरिका और रूस के बीच चल रहे तनाव और विवाद कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को प्रभावित कर रहे हैं। भारत की कूटनीति इस तरह की बैठकों को आवश्यक मानती है जो संवाद के जरिये समाधान की दिशा में कदम बढ़ाती हैं।
भारत का मानना है कि अमेरिका और रूस के बीच सकारात्मक बातचीत से न केवल द्विपक्षीय संबंध सुधरेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तनाव कम होंगे और सहयोग के नए अवसर बनेंगे। भारत की विदेश नीति सदैव संवाद और सहयोग को प्राथमिकता देती रही है।
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इस बैठक में विभिन्न वैश्विक मुद्दों जैसे सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, पर्यावरण और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा होने की संभावना है। भारत ने कहा कि वह इन प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारत ने हमेशा कहा है कि अंतरराष्ट्रीय विवादों का समाधान बातचीत से ही संभव है और वह इस तरह के मंचों पर सहयोग की दिशा में आगे बढ़ेगा।
अमेरिका-रूस के इस शिखर सम्मेलन को दुनिया भर की नजरें लगी हैं, क्योंकि यह वैश्विक राजनीति और सुरक्षा की दिशा तय कर सकता है। भारत की ओर से इस बैठक का स्वागत और समर्थन एक सकारात्मक कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
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