भारत ने ताजिकिस्तान में स्थित अपने एकमात्र विदेशी एयरबेस ‘ऐनी’ (Ayni Airbase) से अपनी सैन्य उपस्थिति हटा ली है। यह एयरबेस मध्य एशिया में भारत का रणनीतिक केंद्र माना जाता था और पाकिस्तान पर निगरानी के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने 2022 में धीरे-धीरे अपने सैन्य कर्मियों और उपकरणों को ऐनी एयरबेस से वापस बुलाना शुरू कर दिया था। पिछले महीने यह स्पष्ट हुआ कि अब भारत इस बेस का संचालन नहीं करता है। यह बेस ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ऐनी एयरबेस का निर्माण और आधुनिकीकरण भारत ने वर्ष 2002 में शुरू किया था। इसमें रनवे का विस्तार, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर और बुनियादी सैन्य सुविधाएं शामिल थीं। इस बेस ने भारत को मध्य एशिया में एक रणनीतिक पहुंच दी थी, जहां रूस और चीन जैसी महाशक्तियों का प्रभाव पहले से मौजूद है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इस एयरबेस से हटना भारत की विदेश नीति में एक बदलाव को दर्शाता है। हालांकि भारत ने आधिकारिक तौर पर इस कदम पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि बदलते भू-राजनीतिक समीकरण, रूस-चीन की बढ़ती साझेदारी और अफगानिस्तान की स्थिति ने इस निर्णय को प्रभावित किया है।
ऐनी एयरबेस भारत के लिए न केवल एक सैन्य बल्कि एक कूटनीतिक संपत्ति थी, जिसने दो दशकों तक भारत को मध्य एशिया में प्रभाव बनाए रखने का अवसर दिया।
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