भारत ने स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करते हुए एक नया हल्का टैंक विकसित किया है, जिसका नाम महान डोगरा योद्धा जनरल ज़ोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि यह टैंक विशेष रूप से पर्वतीय और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के लिए तैयार किया गया है और यह भारतीय सेना के लिए एक प्रभावी ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ साबित होगा।
जनरल ज़ोरावर सिंह के शहादत दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मनोज सिन्हा ने बताया कि ‘ज़ोरावर’ नामक इस हल्के टैंक का सफल परीक्षण इस वर्ष लद्दाख के न्योमा क्षेत्र में 4,200 मीटर की ऊंचाई पर किया गया। इसके अलावा राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में भी इसके परीक्षण सफल रहे। यह दर्शाता है कि यह टैंक न केवल पहाड़ी क्षेत्रों बल्कि रेगिस्तान जैसे कठिन भूभागों में भी प्रभावी ढंग से तैनात किया जा सकता है।
उपराज्यपाल ने कहा कि इस टैंक का वजन करीब 25 टन है, जो इसे सीमावर्ती इलाकों में तेज़ी से तैनात करने में मदद करता है। हल्का होने के कारण इसे हवाई मार्ग से भी आसानी से अग्रिम क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे आपात परिस्थितियों में सेना को रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
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‘ज़ोरावर’ टैंक का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट द्वारा किया गया है। मनोज सिन्हा ने बताया कि यह परियोजना रिकॉर्ड समय में महज दो वर्षों में पूरी की गई, जो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण क्षमता को दर्शाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हल्का टैंक भारत की सीमावर्ती चुनौतियों, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में, सैन्य तैयारियों को नई मजबूती देगा। ‘ज़ोरावर’ टैंक के शामिल होने से भारतीय सेना की गतिशीलता, मारक क्षमता और रणनीतिक संतुलन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
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