पंजाब में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई मूसलधार बारिश के कारण नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ा, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव और सड़कें बह गईं।
मधोपुर हेडवर्क्स के पास सीआरपीएफ के जवान और कई नागरिक बाढ़ में फंस गए थे। भारतीय सेना ने तत्परता दिखाते हुए बचाव कार्य शुरू किया और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सेना के हेलीकॉप्टरों और नावों की मदद से फंसे हुए लोगों को निकाला गया। इस आपातकालीन बचाव अभियान में सेना के जवानों ने अद्वितीय साहस और समर्पण का परिचय दिया।
पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
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इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य में बुनियादी ढांचे की मजबूती और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलग्रहण क्षेत्रों में वृक्षारोपण और जल निकासी प्रणालियों को मजबूत करने से भविष्य में ऐसी आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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