भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन लंबी दूरी की तैनाती पर सेशेल्स पहुँचा है। यह यात्रा भारतीय नौसेना और सेशेल्स रक्षा बलों के बीच सामरिक और पेशेवर सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है।
इस दौरे के दौरान नौसेना कर्मियों के बीच व्यावसायिक आदान-प्रदान, क्रॉस-डेक विज़िट और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन गतिविधियों का लक्ष्य समान मानकों के तहत प्रशिक्षण और संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
सूत्रों के अनुसार, यह तैनाती न केवल प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करती है, बल्कि भारत और सेशेल्स के बीच समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को भी मजबूत करती है। भारतीय नौसेना ने बताया कि स्क्वाड्रन में शामिल जहाजों और चालक दल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुद्री संचालन और संयुक्त मिशन में दक्षता हासिल करना है।
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सेशेल्स में यह दौरा दोनों देशों की नौसेना बलों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने का भी माध्यम है। अधिकारियों ने कहा कि इससे समान अभ्यासों, आपदा राहत अभियानों और समुद्री सुरक्षा प्रयासों में सहभागिता की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय नौसेना का यह कदम विदेशों में लंबी दूरी की तैनाती और बहुपक्षीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल भारत के समुद्री सामरिक दायरे को बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सहयोग को भी मजबूती देगा।
भारतीय नौसेना ने इस अवसर पर जोर दिया कि साझा प्रशिक्षण और अनुभवों का आदान-प्रदान नौसैनिक संचालन में दक्षता और रणनीतिक सामर्थ्य को बढ़ाने में सहायक होगा।
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