नवीनतम वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, सरकार द्वारा दी जाने वाली कर छूट और कटौतियों का सबसे बड़ा लाभ व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) को मिला है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार की कुल राजस्व हानि का 60% हिस्सा इन्हीं करदाताओं से जुड़ा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्तिगत करदाताओं को विभिन्न छूटों जैसे कि धारा 80C, 80D, गृह ऋण पर ब्याज, शिक्षा ऋण, और अन्य व्यक्तिगत निवेश योजनाओं के तहत सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। इसके विपरीत, कंपनियों और कॉर्पोरेट क्षेत्र को मिलने वाली कर छूटों का हिस्सा अपेक्षाकृत कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का यह रुझान व्यक्तिगत करदाताओं को बचत और निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की नीति को दर्शाता है। इससे न केवल करदाताओं की आय में कर-बचत होती है, बल्कि दीर्घकालिक वित्तीय योजना को भी बढ़ावा मिलता है।
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हालांकि, कुछ कर विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र को कर लाभों में कमी से निवेश और औद्योगिक विकास पर असर पड़ सकता है।
आंकड़ों के मुताबिक, व्यक्तिगत और HUF करदाताओं द्वारा ली जाने वाली कर छूटों में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है। सरकार का उद्देश्य मध्यम और निम्न आय वर्ग के करदाताओं को राहत प्रदान करना है, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़े और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए।
वित्त मंत्रालय का मानना है कि कर संरचना में इस बदलाव से करदाताओं में स्वैच्छिक अनुपालन (voluntary compliance) को बढ़ावा मिलेगा और देश की कर प्रणाली अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनेगी।
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