कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि दलितों के खिलाफ डर और धमकी की राजनीति न केवल सामाजिक सामंजस्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह लोकतंत्र के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है। पार्टी ने कहा कि किसी भी तरह की डराने-धमकाने की रणनीति स्वीकार्य नहीं है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
इसी संदर्भ में, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाकर और नफरत भड़काकर संवेदनशील मुद्दों को राजनीतिक रंग दिया है। मंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने हाल ही में हुए आईपीएस अधिकारी की मौत को भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ हिंसा से जोड़कर पेश किया, जो कि पूरी तरह असत्य और भ्रामक है।
मेघवाल ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे बयान सामाजिक तनाव और गलतफहमी पैदा करने वाले हैं और युवाओं और जनता के बीच नफरत और अस्थिरता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि लोकतांत्रिक समाज में सत्य और जिम्मेदारी के साथ संवाद करना बेहद आवश्यक है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि दलितों के खिलाफ किसी भी तरह की राजनीतिक हिंसा या डराने-धमकाने की नीति लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके प्रभाव से न केवल सामाजिक संतुलन बिगड़ता है, बल्कि न्याय और समानता की भावना भी कमजोर होती है।
कांग्रेस का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों और नेताओं को सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का पालन करते हुए अपने विचार व्यक्त करने चाहिए, ताकि लोकतंत्र और न्याय की नींव मजबूत बनी रहे।
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