इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में इज़रायली मंत्रिमंडल ने हमास के कब्जे में रखे गए बंधकों की रिहाई के लिए एक प्रस्तावित समझौते के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इस “आउटलाइन” के तहत, गाज़ा में फंसे कुछ बंधकों की रिहाई के बदले में इज़रायल कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ सकता है और युद्धविराम की अवधि बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, नेतन्याहू ने यह भी स्पष्ट किया कि इज़रायल का “हमास के खिलाफ युद्ध” जारी रहेगा और कोई भी समझौता उसके दीर्घकालिक सुरक्षा लक्ष्यों को प्रभावित नहीं करेगा। यह कदम गाज़ा संघर्ष में मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच एक बड़ी कूटनीतिक प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
इधर भारत में, तामिलनाडु के राजनीतिक दल ‘तमिलगा वेत्री कझगम’ (TVK) ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि कुछ हालिया घटनाओं में “पूर्व नियोजित साजिश” की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता। पार्टी ने कहा कि इन घटनाओं की जांच निष्पक्ष और गहन होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
इसके अलावा, देश और विदेश से जुड़ी कई अन्य प्रमुख खबरों में वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट, घरेलू शेयर बाजारों में हल्की बढ़त, और यूरोप में चल रही जलवायु वार्ता के नए दौर की शुरुआत शामिल है।
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इज़रायल-हमास युद्ध और मध्य पूर्व की सुरक्षा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र तथा अमेरिका की निगरानी बनी हुई है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि बंधक सौदे से जमीनी हालात में कितनी राहत मिलती है।
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