जादवपुर विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया के सहयोग से भारत की बहुलता और विविधता पर केंद्रित एक माह लंबा ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स का उद्देश्य न केवल भारतीय छात्रों को बल्कि अन्य देशों के विद्यार्थियों को भी भारत की विविध सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक वास्तविकताओं से परिचित कराना है।
कोर्स की शुरुआत इस समझ के साथ की गई कि शैक्षणिक संस्थानों की समाज के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए शिक्षकों को ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने चाहिए जो भारतीय वास्तविकताओं और विविधता पर केंद्रित हों, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी प्रोत्साहित करती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय के तुलनात्मक साहित्य विभाग के प्रोफेसर सयंतन दासगुप्ता ने बताया कि यह कोर्स विशेष रूप से उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है जिन्हें अक्सर अकादमिक अध्ययन में नजरअंदाज किया जाता है। इसमें अल्पसंख्यक परंपराओं, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक सह-अस्तित्व को समझने पर जोर दिया गया है।
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कोर्स में छात्रों को भारत की विभिन्न भाषाओं, धर्मों, जातियों और सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में सहिष्णुता और सांस्कृतिक समझ विकसित करना है।
यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम शैक्षणिक सामाजिक जिम्मेदारी (Academic Social Responsibility) के सिद्धांत पर आधारित है और छात्रों को भारत की बहुलता के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास करता है। कोर्स की अवधि एक महीने की है और इसमें सहभागिता करने वाले विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार सीख सकते हैं।
जादवपुर विश्वविद्यालय का यह प्रयास भारत की विविधता और सांस्कृतिक बहुलता के महत्व को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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