कोलकाता उच्च न्यायालय ने गुरुवार (6 नवंबर, 2025) को निर्वाचन आयोग (ECI) से कहा कि वह एक जनहित याचिका (PIL) पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करे। यह PIL इस बात पर सवाल उठाती है कि चल रही विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) मतदाता सूची का आधार 2002 की सूची क्यों है।
ECI वर्तमान में 12 राज्यों में SIR कर रहा है, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जहां विधानसभा चुनाव मध्य-2026 से पहले होने हैं। आयोग ने अदालत में कहा कि यह याचिका "अमान्य" है, क्योंकि यही मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की पीठ ने ECI को निर्देश दिया कि वह 19 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करे और PIL पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
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याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया कि ECI SIR को 2025 के दस्तावेज़ों और सूचनाओं के आधार पर आयोजित करे। उन्होंने यह भी कहा कि मतदान केंद्र स्तर के अधिकारियों (BLO) के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, क्योंकि कुछ अधिकारियों को कार्य के दौरान डराने-धमकाने का माहौल झेलना पड़ रहा है।
ECI की ओर से अधिवक्ता अनामिका पांडेय ने अदालत को बताया कि पिछला SIR 2002 में हुआ था और याचिका को इसलिए भी अस्वीकार्य ठहराया जा सकता है। न्यायाधीश पार्थ सरथी सेन की सहमति वाली पीठ ने इस मामले में आयोग से विस्तृत हलफनामा मांगा।
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