विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख मुद्दे—व्यापार वार्ता, रूस से ऊर्जा खरीद और अमेरिका द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे हैं।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि चल रही व्यापार वार्ताओं में भारत ने किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा को अपनी “रेड लाइन” घोषित किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते में इन हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत लंबे समय से जारी है, लेकिन बाजार पहुंच, सब्सिडी और कृषि उत्पादों पर शुल्क जैसे मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं। जयशंकर ने जोर दिया कि भारत का रुख संतुलित और हितों की रक्षा करने वाला रहेगा।
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रूस से कच्चे तेल की खरीद के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविध स्रोतों से आपूर्ति जारी रखेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के फैसले राष्ट्रीय हित और उपभोक्ता की जरूरतों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, न कि किसी बाहरी दबाव के आधार पर।
अमेरिका द्वारा समय-समय पर किए गए भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता के दावों को भी भारत ने खारिज किया। जयशंकर ने कहा कि यह एक द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों मुद्दों - व्यापार, ऊर्जा और मध्यस्थता - का समाधान भारत-अमेरिका संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएगा
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