विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में आतंकवाद पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने भारत के जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि यह हमला न केवल पर्यटक क्षेत्र को निशाना बनाकर किया गया, बल्कि इसके पीछे धार्मिक विभाजन पैदा करने की मंशा भी थी।
उन्होंने कहा, “हमने हाल ही में भारत में पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमले का अनुभव किया, जिसका मकसद कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाना था।”
डॉ. जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को तीन ऐसे खतरे बताया जो अक्सर एक साथ उत्पन्न होते हैं और मानवता के लिए गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की थी और इसके अपराधियों, योजनाकारों, वित्त पोषकों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने की बात कही थी।
जयशंकर ने कहा, “हमने इस दिशा में कदम उठाए हैं और आगे भी कठोर कार्रवाई करते रहेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि एससीओ को अपने मूल उद्देश्यों के प्रति सच्चे बने रहने के लिए आतंकवाद के खिलाफ समझौता न करने की नीति अपनानी होगी।
उनकी यह टिप्पणी एससीओ में भारत की सक्रिय भूमिका और आतंकवाद के प्रति उसकी सख्त नीति को दर्शाती है।