असम में चल रही बेदखली कार्रवाई को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि सरकार को विदेशी नागरिकों को तो देश से बाहर करना चाहिए, लेकिन भारतीय नागरिकों को परेशान नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बेदखली की कार्रवाई के नाम पर निर्दोष लोगों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि मौलाना महमूद मदनी ने सीमाएं लांघीं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। सरमा ने स्पष्ट किया कि सरकार असम को अवैध घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा देश की अखंडता और सुरक्षा के पक्ष में खड़ी रही है। उनका कहना था कि वास्तविक भारतीय नागरिकों को उनके घरों से बेदखल करना अन्यायपूर्ण है और इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह सही नागरिकों की पहचान कर उनके अधिकारों की रक्षा करे।
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वहीं, मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि असम में अवैध घुसपैठियों की समस्या गंभीर है और सरकार इन्हें हटाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी को भी कानून हाथ में लेने या सरकार के कामकाज में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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