बिहार में विधानसभा चुनावों को लेकर जदयू सांसद अजय कुमार मंडल ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विरोध जताया है। अजय कुमार मंडल ने सोशल मीडिया पर दो पृष्ठों का पत्र साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि विधानसभा टिकट वितरण में उनका परामर्श नहीं लिया गया।
अजय कुमार मंडल का आरोप है कि टिकट उन्हीं लोगों को दिए जा रहे हैं जिन्होंने कभी पार्टी या संगठन के लिए काम नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी की ऐसी नीति से संगठन की भावना और मेहनतकश कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा कि ऐसा निर्णय राजनीतिक और संगठनात्मक दृष्टि से गलत संदेश देता है।
इस स्थिति से नाराज होकर अजय कुमार मंडल ने इस्तीफा देने का विकल्प भी रखा है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किए गए पत्र में लिखा कि अगर पार्टी स्थानीय कार्यकर्ताओं और अनुभवी नेताओं की आवाज़ को नहीं सुनती, तो उन्हें मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ेगा।
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विश्लेषकों का मानना है कि अजय कुमार मंडल का कदम जदयू के भीतर आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति और टिकट बंटवारे पर पार्टी नेतृत्व के निर्णयों को चुनौती देता है। इसके अलावा, यह पार्टी में आंतरिक असंतोष को भी दर्शाता है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी मोर्चे पर पार्टी की छवि और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डाल सकती हैं। पार्टी नेतृत्व के लिए यह आवश्यक है कि वह स्थानीय नेताओं और अनुभवी सांसदों को उचित परामर्श और सम्मान दे, ताकि संगठन में स्थिरता बनी रहे।
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