मालेगांव विस्फोट मामले में हालिया फैसले के बाद एनसीपी-एससीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया। भारत में कभी कोई धर्म ‘सनातन धर्म’ के नाम से नहीं था। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं, लेकिन यह तथाकथित सनातन धर्म ही था जिसने हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में बाधा डाली थी।”
आव्हाड ने कहा कि सनातन धर्म की अवधारणा ने समाज में जातिगत भेदभाव और असमानता को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत का सामाजिक ताना-बाना कमजोर हुआ। उन्होंने दावा किया कि इतिहास में कई बार इसी सोच के कारण सामाजिक न्याय और समानता को नुकसान पहुंचा।
विधायक का यह बयान मालेगांव मामले में अदालत के फैसले के बाद आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों ने आव्हाड के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे हिंदू धर्म पर हमला बताया है।
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दूसरी ओर, एनसीपी-एससीपी नेता ने कहा कि उनकी टिप्पणी का मकसद धर्म पर हमला करना नहीं बल्कि सामाजिक सुधार की जरूरत को उजागर करना है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमेशा समानता और न्याय का समर्थन किया, जबकि सनातन धर्म की कट्टरपंथी सोच ने उन्हें भी प्रभावित किया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में सनातन धर्म और हिंदुत्व की अवधारणा पर नई राजनीतिक बहस को जन्म दे सकता है।
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