जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव के लिए सोमवार (3 नवंबर 2025) की सुबह प्रचार थम गया। अब मंगलवार (4 नवंबर) को मतदान होगा। इस बार का चुनाव लेफ्ट यूनिटी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
मतदान दो सत्रों में होगा—सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक। मतगणना रात 9 बजे से शुरू होगी और अंतिम परिणाम 6 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
यह चुनाव परिसर में कई महीनों की राजनीतिक गतिविधियों, विरोध-प्रदर्शनों और विचार-विमर्श के बाद आयोजित हो रहा है। इस वर्ष का मुख्य मुकाबला लेफ्ट यूनिटी (AISA, SFI और DSF) और एबीवीपी के बीच है। एबीवीपी ने अपने अभियान को “प्रदर्शन और राष्ट्रवाद” पर केंद्रित किया है।
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रविवार रात हुए राष्ट्रपति पद की बहस के साथ प्रचार का अंतिम चरण पूरा हुआ, जिसके बाद अनिवार्य 24 घंटे की ‘नो-कैंपेनिंग’ अवधि शुरू हुई। इस बहस में छह उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें लेफ्ट, एबीवीपी, एनएसयूआई, प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PSA), दिशा स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (DSO) और एक स्वतंत्र प्रत्याशी शामिल थे।
लेफ्ट उम्मीदवार अदिति मिश्रा, जो अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग की पीएचडी स्कॉलर हैं, ने कहा कि यह चुनाव “उस समय हो रहा है जब असहमति और समानता खतरे में है।” वहीं एबीवीपी के उम्मीदवार विकास पटेल ने लेफ्ट पर आरोप लगाया कि उन्होंने “जेएनयू को पांच दशकों से शासित और नष्ट” किया है।
पिछले वर्ष AISA के नितीश कुमार ने अध्यक्ष पद जीता था, जबकि ABVP के वैभव मीणा ने एक दशक बाद संयुक्त सचिव पद हासिल किया था। अब फिर से छात्र राजनीति के इस महत्वपूर्ण चुनाव पर देशभर की निगाहें टिकी हैं।
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