कर्नाटक कैबिनेट ने सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह निर्णय राज्य सरकार की ओर से सामाजिक और शैक्षिक संस्थानों में संगठन की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने और उनका नियमन करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वे तमिलनाडु सरकार द्वारा वहां RSS गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपनाए गए उपायों का अध्ययन करें। तमिलनाडु में, सरकार ने विभिन्न सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों में संगठन की गतिविधियों पर कड़े नियम लागू किए हैं। कर्नाटक सरकार भी इसी मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है ताकि राज्य में सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र में किसी भी प्रकार की राजनीतिक या सामाजिक गतिविधियों का संतुलित और निष्पक्ष नियमन सुनिश्चित किया जा सके।
राज्य कैबिनेट का मानना है कि सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों का उपयोग किसी एक संगठन के प्रचार या गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। इसके तहत कर्मचारियों और छात्रों के बीच किसी भी संगठन की गतिविधियों में भागीदारी को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम राज्य में प्रशासनिक और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस निर्णय के तहत सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों और छात्रों को किसी भी राजनीतिक या संगठनात्मक गतिविधियों में संलग्न होने से रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
कर्नाटक सरकार का यह रुख राज्य में सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों में निष्पक्षता और समान अवसर सुनिश्चित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
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