कश्मीर टाइम्स के वरिष्ठ संपादकों ने गुरुवार (20 नवंबर 2025) को कहा कि उन पर लगाए जा रहे आरोप और जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही छापेमारी स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की एक सुव्यवस्थित कोशिश है। संपादक प्रभोध जमवाल और अनुसंधानात्मक पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध अनुराधा भसीन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) द्वारा की जा रही कार्रवाई न केवल निराधार है, बल्कि इनका उद्देश्य “डराना, वैधता को समाप्त करना और अंततः चुप कराना” है।
उन्होंने कहा, “हम चुप नहीं रहेंगे। हमें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम अपना काम जारी रखते हैं। ऐसे समय में जब आलोचनात्मक आवाजें लगातार कम होती जा रही हैं, कश्मीर टाइम्स कुछ गिने-चुने स्वतंत्र मंचों में से एक है जो सत्ता के सामने सच बोलने का साहस रखता है।”
संपादकों ने यह भी कहा कि स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर इस तरह के दबाव लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने दावा किया कि आरोपों का कोई आधार नहीं है, और यह सब राजनीतिक असहमति को कमजोर करने तथा जनता तक सच पहुंचने से रोकने का प्रयास है।
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उन्होंने कहा कि SIA द्वारा बार-बार की जा रही छापेमारी और पूछताछ सिर्फ एक संदेश देने के लिए है—कि जो भी सत्ता के खिलाफ सवाल उठाएगा, उसे प्रताड़ित किया जाएगा। दोनों संपादकों ने स्पष्ट किया कि उनकी संस्था किसी भी धमकी से डरने वाली नहीं है और पत्रकारिता की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
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