केरल विधानसभा में विपक्ष ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि राज्य में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Amoebic Meningoencephalitis) के दोबारा सामने आ रहे मामलों पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अनजान और लापरवाह दिखाई दे रहा है।
सतीसन ने आरोप लगाया कि सरकार के पास इस बीमारी से निपटने के लिए कोई ठोस उपचार प्रोटोकॉल नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो इस बीमारी के फैलाव को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध है और न ही स्वास्थ्य विभाग इसकी उत्पत्ति और प्रसार को समझने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। उन्होंने विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा कि जब यह बीमारी जानलेवा है और राज्य में बार-बार सामने आ रही है, तो सरकार ने अब तक व्यापक अध्ययन या जनजागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ लेकिन घातक बीमारी है, जो मुख्य रूप से दूषित जल में पाई जाने वाली अमीबा के कारण होती है। यह सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करती है और अक्सर समय पर पहचान न होने से मरीज की जान ले लेती है।
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विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल मामलों की पुष्टि तक सीमित है, जबकि वैज्ञानिक अनुसंधान, रोकथाम और उपचार संबंधी दिशा-निर्देश बनाने में नाकाम रही है। सतीसन ने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग की गंभीर विफलता है और सरकार को तत्काल विशेषज्ञ समिति गठित करके इस बीमारी से निपटने की कार्ययोजना प्रस्तुत करनी चाहिए।
इस मुद्दे ने विधानसभा में जोरदार बहस छेड़ दी, जहां विपक्ष ने सरकार से पारदर्शी और ठोस कदम उठाने की मांग की।
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