केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बुधवार को संकेत दिया कि 2018 में सबरीमाला आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामूली मामलों को वापस लिया जा सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि गंभीर अपराधों और हिंसा से जुड़े मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबरीमाला आंदोलन के दौरान कई ऐसे लोग भी आरोपित हुए, जो केवल भावनात्मक रूप से जुड़े थे या शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे मामलों को राज्य सरकार पुनर्विचार के बाद समाप्त करने पर विचार कर रही है। लेकिन जिन लोगों पर हिंसा भड़काने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या जानबूझकर अव्यवस्था फैलाने का आरोप है, उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, “दुनिया भर के लोगों और देशवासियों ने सबरीमाला के मूल दर्शन को अपनाया है। इसी कारण, त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) ने अयप्पा भक्तों के सामूहिक मिलन का आयोजन किया है। यह एक ऐसा अवसर है, जब श्रद्धा और सद्भाव का संदेश और मजबूत किया जाएगा।”
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सबरीमाला आंदोलन 2018 में उस समय भड़का था, जब सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी। इस फैसले का विरोध करते हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और कई लोगों के खिलाफ पुलिस मामलों की फाइलें तैयार की गईं।
मुख्यमंत्री के इस रुख को राजनीतिक और सामाजिक हलकों में “संतुलित दृष्टिकोण” के रूप में देखा जा रहा है—जहां एक ओर भावनात्मक मामलों को सुलझाने की कोशिश है, वहीं कानून-व्यवस्था के उल्लंघन पर सख्ती भी जारी रहेगी।
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