केरल हाई कोर्ट ने बुधवार (26 नवंबर, 2025) को एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी करते हुए राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि वे एर्नाकुलम जिले के मुन्नबम क्षेत्र में विवादित भूमि पर रहने वाले 600 से अधिक परिवारों से अस्थायी रूप से भूमि कर स्वीकार करें।
यह निर्देश मुन्नबम भूमि संरक्षण समिति (Munambam Bhoo Samrakshana Samithi) और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि संबंधित गांव अधिकारी, वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि पर किए गए दावे का हवाला देते हुए, इन परिवारों से भूमि कर स्वीकार नहीं कर रहे थे।
हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले का अंतिम निपटारा नहीं हो जाता, तब तक परिवारों को भूमि कर जमा करने से रोकना अनुचित है, क्योंकि इससे उनके अधिकारों और आवश्यक दस्तावेजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भूमि कर स्वीकार करने का यह आदेश भूमि के स्वामित्व से संबंधित चल रहे विवाद को प्रभावित नहीं करेगा।
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अदालत का यह निर्णय अक्टूबर 2025 के एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के बाद आया है, जिसमें हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि मुन्नबम की यह भूमि वक्फ संपत्ति नहीं है। अदालत ने कहा था कि यह भूमि मोहम्मद सिद्दीक सैद द्वारा फ़ारूक कॉलेज प्रबंधन के पक्ष में उपहार के रूप में दी गई थी, इसलिए वक्फ बोर्ड का उस पर दावा मान्य नहीं है।
हाई कोर्ट के ताज़ा आदेश से उन सैकड़ों परिवारों को बड़ी राहत मिली है जो वर्षों से इस भूमि विवाद के कारण अनिश्चितता और प्रशासनिक मुश्किलों का सामना कर रहे थे। अदालत ने राजस्व विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी परिवार को भूमि कर जमा करने में बाधित न किया जाए और अगले आदेश तक अस्थायी रूप से कर स्वीकार किया जाए।
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