केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने राज्य में स्कूलों की वार्षिक ग्रीष्मकालीन छुट्टियों का समय बदलने का सुझाव दिया है। यह प्रस्ताव जलवायु परिवर्तन और मानसून के कारण जून में स्कूलों के पुनः खुलने पर पढ़ाई के दिनों में होने वाली कमी को ध्यान में रखकर दिया गया है।
वर्तमान में राज्य में अप्रैल और मई महीनों में ग्रीष्मावकाश दिया जाता है। लेकिन मानसून की शुरुआत जून में होती है, जिससे स्कूलों के पुनः खुलने के समय अक्सर बाढ़, भारी बारिश और अन्य मौसम संबंधी बाधाओं के कारण पढ़ाई का काफी नुकसान होता है।
शिवनकुट्टी ने कहा कि शिक्षा विशेषज्ञ पहले भी कई बार इस मुद्दे पर चिंता जता चुके हैं और पढ़ाई के दिनों में हो रही हानि को देखते हुए बदलाव आवश्यक है। उन्होंने प्रस्ताव रखा है कि ग्रीष्मावकाश को जून और जुलाई में स्थानांतरित किया जाए, जिससे छात्रों की सुरक्षा और शैक्षणिक गतिविधियों की निरंतरता बनी रहे।
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मंत्री ने कहा कि यह बदलाव केवल व्यापक चर्चा और विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ही लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग विभिन्न हितधारकों, जिनमें शिक्षक, अभिभावक और जलवायु विशेषज्ञ शामिल हैं, से सुझाव प्राप्त करेगा।
जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान और अनियमित वर्षा ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। प्रस्तावित बदलाव का उद्देश्य छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और पढ़ाई के समय का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है।
शिक्षा मंत्रालय ने संकेत दिया है कि यदि यह बदलाव लागू होता है, तो यह राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार होगा और अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है।
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