महाराष्ट्र में पिछले छह वर्षों में कुत्तों के काटने के 30 लाख से अधिक मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। यह आंकड़ा पूरे राज्य में प्रतिदिन औसतन 1,369 मामलों के बराबर है। राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार (10 दिसंबर 2025) को विधान सभा में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है। शिंदे ने कहा कि वर्ष 2021 से 2023 के बीच 30 लोगों की मौत रेबीज़ के कारण हुई है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
शिवसेना (यूबीटी) विधायक सुनील प्रभु ने मुंबई, पुणे, नागपुर और कल्याण-डोंबिवली जैसे शहरों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने पर चिंता जताई। इसके जवाब में शिंदे ने बताया कि राज्य सरकार और स्थानीय निकाय सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2024 के निर्देशों के अनुसार पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम और एंटी-रेबीज़ टीकाकरण अभियान को मज़बूत कर रहे हैं।
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शहरी विकास विभाग ने 14 नवंबर को सभी नगर निकायों को निर्देश जारी किए, जबकि ग्रामीण स्थानीय निकायों को यही निर्देश 27 नवंबर को दिए गए। शिंदे ने यह भी बताया कि राज्य में मार्च 2025 में जारी सरकारी आदेश के अनुसार 'एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023' को लागू किया जा रहा है।
जब उनसे रेबीज़ से पीड़ित मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने और आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण में देरी को लेकर सवाल पूछा गया, तो शिंदे ने कहा कि इन मुद्दों पर फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है।
तेज़ी से बढ़ते कुत्तों के काटने के मामलों और सीमित नियंत्रण उपायों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, जिन्हें लेकर विशेषज्ञ तत्काल कदम उठाए जाने की मांग कर रहे हैं।
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