पश्चिम बंगाल में राज्य संचालित अस्पतालों में लगातार हो रही यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार (25 अक्टूबर 2025) को हुई उच्च स्तरीय बैठक में ममता बनर्जी ने अस्पतालों में सीसीटीवी निगरानी को अनिवार्य करने और सभी सुरक्षा कर्मियों के लिए फोटो पहचान पत्र को अनिवार्य रूप से लागू करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि बिना वैध पहचान पत्र के किसी भी सुरक्षा कर्मचारी को अस्पताल परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
यह निर्णय हाल में हुई दो घटनाओं के बाद लिया गया है। 20 अक्टूबर को उलूबेरिया स्थित शरत चंद्र चट्टोपाध्याय सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ एक मरीज के परिजनों ने मारपीट की और बलात्कार की धमकी दी। इसके दो दिन बाद, 22 अक्टूबर को कोलकाता स्थित राज्य सरकार के एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया।
इन घटनाओं ने राज्य में चिकित्सा क्षेत्र की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले, अगस्त 2024 में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना ने राज्य भर में भारी आक्रोश और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया था। ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य संस्थानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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