पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक वह जीवित हैं, किसी को भी जनता का मतदान का अधिकार नहीं छीनने दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब लोगों को “बांग्लादेशी” कहकर प्रताड़ित किया जाता है, जबकि उनके लिए गरीब ही सबसे बड़ी ताकत हैं।
कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “मैं जाति या धर्म में विश्वास नहीं करती, मैं मानवता में विश्वास करती हूं। जो लोग गरीबों को प्रताड़ित करते हैं, वे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां आम लोगों के अधिकार छीनने का प्रयास कर रही हैं। ममता ने जनता से अपील की कि वे ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करें और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट रहें।
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मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि “कोई भी ताकत मुझे लोगों के वोटिंग अधिकार की रक्षा करने से नहीं रोक सकती। गरीब और वंचित लोग मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं, और मैं हमेशा उनके साथ खड़ी रहूंगी।”
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ममता बनर्जी का यह बयान विपक्ष द्वारा हाल में उठाए गए मतदाता सूची और नागरिकता संबंधी मुद्दों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह भी संकेत है कि तृणमूल कांग्रेस आने वाले चुनावों में गरीब और वंचित वर्ग के समर्थन को और मजबूत करने की रणनीति बना रही है।
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