प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के नवीनतम संस्करण में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से छठ महापर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति और लोक परंपराओं का अद्भुत उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में छठ को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता मिलेगी।
मोदी ने कहा कि छठ पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह प्रकृति, सूर्य उपासना और लोकआस्था का अनूठा संगम है। उन्होंने कहा कि यह पर्व सामाजिक एकजुटता और पारिवारिक मूल्यों को सशक्त करता है, इसलिए इसे वैश्विक स्तर पर पहचान मिलनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने असम के लोकप्रिय गायक और संगीतकार जुबीन गर्ग के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि गर्ग की आवाज और उनके गीतों ने असमिया संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोदी ने कहा, “उनका जाना संगीत और संस्कृति जगत की अपूरणीय क्षति है।”
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इसके अलावा, मोदी ने भारतीय हथकरघा उद्योग और उसमें हो रहे नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवाओं और डिजाइनरों द्वारा किए जा रहे प्रयोगों ने भारतीय हस्तशिल्प को नई पहचान दी है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों और हथकरघा वस्त्रों को बढ़ावा दें।
मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराने और भारतीय परंपराओं को गौरव के साथ अपनाने का आह्वान किया।
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