अगस्त 2025 में भारत का विनिर्माण परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 17 वर्षों के उच्चतम स्तर 59.3 पर पहुंच गया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र में अभूतपूर्व तेजी आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, पीएमआई का यह स्तर 50 से ऊपर होना विकास का संकेत देता है और 59.3 तक पहुंचना यह स्पष्ट करता है कि विनिर्माण गतिविधियां तेज गति से बढ़ रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पादन वॉल्यूम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले लगभग पांच वर्षों में सबसे तेज रही। कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत हुई है और घरेलू तथा वैश्विक बाजारों से मांग में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके चलते उद्योगों ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नए निवेश पर विचार करना शुरू कर दिया है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह सुधार रोजगार सृजन और औद्योगिक उत्पादन में और तेजी ला सकता है। हालांकि, मुद्रास्फीति के दबाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को देखते हुए आगे की चुनौती बनी हुई है। फिर भी, इस बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र मजबूत स्थिति में है और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो भारत न केवल घरेलू मांग को पूरा कर सकेगा, बल्कि निर्यात में भी प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल कर सकता है। सरकार भी ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के तहत निवेश बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिससे यह वृद्धि और स्थिर हो सकती है।
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