मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरंगे ने आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है और अब उनका यह अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। 29 अगस्त 2025 से जारी इस अनशन के दौरान मनोज ने घोषणा की है कि वे अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए अब पानी तक लेना बंद कर देंगे। उनका कहना है कि मराठा समाज के लिए 10% आरक्षण की मांग अनिवार्य है और सरकार को इसे शीघ्र लागू करना चाहिए।
मनोज जरंगे का कहना है कि मराठा समुदाय ने समय-समय पर समान अवसर और आरक्षण की मांग की है, लेकिन अब तक उनकी आवाज़ को पर्याप्त ध्यान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उनका यह संघर्ष केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे मराठा समाज के अधिकारों के लिए है। स्थानीय प्रशासन ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए चेतावनी दी है, लेकिन मनोज ने कहा कि वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उनकी मांग पुरी नहीं हो जाती।
अनशन स्थल पर उनके समर्थक भी जुट रहे हैं और सरकार पर दबाव बनाने के लिए सामाजिक और राजनीतिक समर्थन जुटा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मनोज के इस कदम से राज्य सरकार पर मराठा आरक्षण लागू करने के लिए राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है।
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इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक भूख और पानी का त्याग करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। बावजूद इसके मनोज का आंदोलन अब पूरे मराठा समाज के लिए प्रतीक बन गया है और मीडिया का लगातार ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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