मेघालय सरकार ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग ने कहा कि मेघालय ने गृह मंत्रालय (MHA) से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश सरकार को मनाने के लिए पहल करे, ताकि बाड़ को सीमा के मुख्य स्तंभों के निकट लगाया जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कई स्थानों पर बाड़ गांवों से काफी बाहर बनाई जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका, खेती-बाड़ी और आवागमन पर असर पड़ रहा है। तिनसॉन्ग ने कहा, “हम नहीं चाहते कि बाड़ गांवों के बाहर लगे और लोग अपने ही खेतों या घरों से कट जाएं। यदि बाड़ को सीमा के मुख्य स्तंभों के करीब खड़ा किया जाए तो यह समस्या हल हो सकती है।”
राज्य सरकार का मानना है कि बाड़ का उद्देश्य सीमा सुरक्षा बढ़ाना है, न कि स्थानीय लोगों को परेशान करना। तिनसॉन्ग ने कहा कि मेघालय सरकार केंद्र के साथ लगातार संपर्क में है और उसने स्पष्ट किया है कि सीमा पर बाड़ लगाने का काम स्थानीय बस्तियों को ध्यान में रखकर ही होना चाहिए।
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर कई इलाकों में भू-भाग की जटिलताओं के कारण बाड़ सीधे सीमा स्तंभों पर नहीं लगाई जा पा रही है। ऐसे में ग्रामीणों की चिंता बढ़ रही है कि वे अपने ही खेतों से अलग हो जाएंगे। राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र इस मामले में बांग्लादेश के साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत करे, ताकि बाड़ लगाने का काम स्थानीय लोगों के हितों को सुरक्षित रखते हुए आगे बढ़ सके।
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