टाटा समूह के वरिष्ठ उद्योगपति और रतन टाटा के करीबी सहयोगी मेहली मिस्त्री को टाटा ट्रस्ट्स से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यह फैसला ट्रस्ट्स के अधिकांश सदस्यों द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान के बाद लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताह एक सर्कुलर प्रस्ताव के माध्यम से ट्रस्टियों से राय ली गई थी। इसमें छह में से तीन ट्रस्टीज़ ने मिस्त्री की पुनर्नियुक्ति का विरोध किया। इन तीनों में टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा, टीवीएस ग्रुप के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह शामिल हैं।
इस निर्णय के बाद मिस्त्री अब सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट दोनों के बोर्ड से हट जाएंगे।
मेहली मिस्त्री लंबे समय से रतन टाटा के विश्वसनीय सलाहकार रहे हैं और उन्होंने समूह की कई रणनीतिक पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, उनके पुनर्नियुक्ति को लेकर ट्रस्ट के भीतर मतभेद गहराने की खबरें सामने आई हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम टाटा ट्रस्ट्स के भीतर प्रबंधन संरचना में परिवर्तन का संकेत देता है। यह बदलाव ट्रस्ट्स की भविष्य की नीतियों और नेतृत्व की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।
फिलहाल, टाटा ट्रस्ट्स की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि संगठन अब नई रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
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