माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद घोषणा की कि कंपनी भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये (17.5 बिलियन डॉलर) का निवेश करेगी। यह निवेश अगले चार वर्षों में भारत की एआई अवसंरचना, कौशल विकास और संप्रभु क्षमताओं को मजबूत करने पर केंद्रित होगा।
नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का उद्देश्य भारत के ‘एआई-फर्स्ट भविष्य’ के लिए आवश्यक क्लाउड और कंप्यूटिंग क्षमता बढ़ाना, एआई स्किलिंग प्रोग्राम का विस्तार करना और सुरक्षित, संप्रभु डेटा सिस्टम का निर्माण करना है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “भारत की महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश—17.5 बिलियन डॉलर—कर रही है।”
यह घोषणा जनवरी 2025 में घोषित 3 बिलियन डॉलर के निवेश के बाद हुई है, जो अगले दो वर्षों में क्लाउड और एआई अवसंरचना विकसित करने के उद्देश्य से था। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ भारतीयों को एआई कौशल से प्रशिक्षित कर देश की दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाएगी।
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माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एवं दक्षिण एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंदोक ने कहा कि नया निवेश देश के टेक इकोसिस्टम के साथ गहरी साझेदारी को और मजबूत करेगा और भारत की एआई महत्वाकांक्षाओं को हर नागरिक तक प्रभाव में बदलेगा।
कंपनी के भारत में 22,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जो बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम और नोएडा समेत कई शहरों में कार्यरत हैं। माइक्रोसॉफ्ट चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में अपने तीन डेटा सेंटर क्षेत्रों का विस्तार करेगी।
भारत के तेजी से बढ़ते एआई बाजार को देखते हुए कई वैश्विक टेक कंपनियां बड़े निवेश कर रही हैं। अमेज़न भी 12.7 बिलियन डॉलर के निवेश के माध्यम से 2030 तक 1.5 करोड़ छोटे व्यवसायों को लाभ पहुँचाने और अगले पांच वर्षों में 40 लाख सरकारी स्कूल छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखता है।
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