मुंबई की लगातार गिरती वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। इसी गंभीर स्थिति को उजागर करते हुए शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को मुंबई नगरपालिका (BMC) को पत्र लिखकर तत्काल, असाधारण और दीर्घकालिक हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने इसे मुंबई के लिए “जन स्वास्थ्य आपातकाल” बताया है और कहा है कि मौजूदा उपाय अब स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
देवड़ा ने पत्र में कहा कि शहर में निर्माण कार्यों और खुदाई पर लगाई गई सख्त गाइडलाइनों का जमीनी स्तर पर पालन लगातार कमजोर रहा है। उन्होंने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी से अनुरोध किया है कि जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता, तब तक सभी तरह की खुदाई और निर्माण कार्य को अविलंब रोक दिया जाए।
सांसद देवड़ा ने यह चेतावनी भी दी कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर से न केवल बुजुर्ग, बच्चे और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोग प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि यह पूरी मुंबई की आबादी के लिए गंभीर खतरा बन गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शहर में उठाए जा रहे सामान्य कदम अब इस संकट से निपटने की क्षमता नहीं रखते और प्रशासन को “असाधारण” और “सतत” कार्रवाई करनी होगी।
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उन्होंने बीएमसी को सलाह दी कि वह प्रदूषण के बड़े स्रोतों—निर्माण कार्य, सड़क धूल, यातायात धुआं और औद्योगिक उत्सर्जन—पर सख्ती से नियंत्रण सुनिश्चित करे। इसके साथ ही उन्होंने वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता की निगरानी, जागरूकता अभियान और नागरिकों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए विशेष उपायों की भी मांग की।
मुंबई की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और जनजीवन को प्रभावित कर रहे इस संकट पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चिंता गहराती जा रही है और अब प्रशासन के त्वरित कदमों का इंतजार है।
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