भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि मामले में खुद को निर्दोष बताया है। यह मामला जनवरी 2023 में मुंबई के उपनगर भांडुप में आयोजित कोकण फेस्टिवल के दौरान दिए गए एक बयान से जुड़ा है।
संजय राउत ने नारायण राणे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि राणे ने उनके खिलाफ "मानहानिकारक, दुर्भावनापूर्ण और झूठे" बयान दिए। राउत का कहना है कि इन बयानों से उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राणे के खिलाफ ट्रायल चलाने का फैसला किया है। अदालत में पेश होकर नारायण राणे ने आरोपों से साफ इनकार किया और खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है और इसका उद्देश्य किसी की छवि धूमिल करना नहीं था।
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अब अदालत में इस मामले की विधिवत सुनवाई होगी, जिसमें सबूतों और गवाहों के आधार पर फैसला किया जाएगा। यदि दोष साबित होता है, तो राणे को सजा का सामना करना पड़ सकता है।
यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि नारायण राणे और संजय राउत के बीच लंबे समय से राजनीतिक तनातनी रही है। यह मुकदमा न केवल व्यक्तिगत विवाद को बल्कि राज्य की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भी उजागर करता है।
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