भारतीय रेलवे ने वर्ष 2030 तक ट्रेनों की प्रारंभिक क्षमता को दोगुना करने के लक्ष्य के तहत चरणबद्ध तरीके से स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) का बड़े पैमाने पर पुनर्विकास किया जा रहा है। यह परियोजना अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य यात्री सुविधाओं में सुधार और बढ़ते यात्री भार को संभालने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन उत्तरी रेलवे (नॉर्दर्न रेलवे) के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। नॉर्दर्न रेलवे के अनुसार, प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 16 के पास मौजूदा स्टेशन भवनों को ध्वस्त कर उनकी जगह दो नई आधुनिक स्टेशन इमारतों का निर्माण किया जाएगा। इन नई इमारतों का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 1,09,000 वर्ग मीटर होगा।
योजना के अनुसार, इन नई स्टेशन इमारतों को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि वे प्रतिदिन लगभग सात लाख यात्रियों को आसानी से संभाल सकें। इसमें विशाल प्रतीक्षालय, बेहतर प्रवेश और निकास द्वार, आधुनिक टिकटिंग सुविधाएं, डिजिटल सूचना प्रणाली, एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। साथ ही, यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पुनर्विकास कार्य पूरा होने के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन न केवल यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने में सक्षम होगा, बल्कि यह देश के सबसे आधुनिक और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशनों में शामिल हो जाएगा। इस परियोजना से यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलने की उम्मीद है।
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