बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 नवंबर 2025 को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सोमवार (17 नवंबर 2025) को उन्होंने राजभवन में राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान को मंत्रिमंडल का प्रस्ताव सौंपा, जिसमें वर्तमान विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। यह निर्णय राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलावों की ओर संकेत कर रहा है।
राजभवन जाने से पहले नीतीश कुमार ने अपनी सरकार का अंतिम मंत्रिमंडल बैठक आयोजित की, जिसमें सभी मंत्रियों की मौजूदगी में विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पारित किया गया। निर्णय के बाद सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से अपने इस्तीफे भी सौंप दिए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कदम नई राजनीतिक संरचना बनाने और सरकार के पुनर्गठन की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नीतीश कुमार का एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना उनके लंबे राजनीतिक करियर में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार कई बार सरकारों के गठन और गठबंधनों के पुनर्गठन का हिस्सा रहे हैं। माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य में कई प्रशासनिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
और पढ़ें: अल-फलाह यूनिवर्सिटी कुलाधिपति के भाई की 25 साल पुराने ठगी मामले में गिरफ्तारी
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा भंग करने का निर्णय एक सोची-समझी रणनीति के तहत लिया गया है, ताकि आगामी राजनीतिक समीकरण मजबूत हो सके और राज्य में स्थिर प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके। राजभवन में निर्णय सौंपने के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और 20 नवंबर को नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
और पढ़ें: कुमार संगकारा बने राजस्थान रॉयल्स के नए हेड कोच, राहुल द्रविड़ के जाने के बाद कमान संभाली