महाराष्ट्र में कुनबी जाति को लेकर जारी विवाद एक बार फिर गहराने लगा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) संगठनों ने सरकार से मांग की कि कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने संबंधी हालिया सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को तत्काल वापस लिया जाए।
ओबीसी संगठनों का कहना है कि यह जीआर ओबीसी समुदाय के अधिकारों और आरक्षण व्यवस्था के साथ अन्याय कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस पर ठोस निर्णय नहीं लेती है तो 10 अक्टूबर को प्रस्तावित संयुक्त ओबीसी समुदाय का विरोध मार्च अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार निकाला जाएगा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि समुदाय का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने के लिए नहीं, बल्कि ओबीसी के अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को किसी भी स्थिति में ओबीसी वर्ग के आरक्षण में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
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बैठक के दौरान कुछ संगठनों ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को कुनबी और मराठा आरक्षण से जुड़े मामलों पर स्पष्ट नीति तैयार करनी चाहिए ताकि सामाजिक टकराव से बचा जा सके। मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी चिंताओं पर गंभीरता से विचार कर रही है और शीघ्र ही एक समग्र समाधान निकाला जाएगा।
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