जम्मू-कश्मीर में आठ साल बाद एक निर्वाचित मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने का ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में आयोजित समारोह में भाग लिया और राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
इससे पहले 2017 में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती अंतिम निर्वाचित मुख्यमंत्री थीं, जिन्होंने श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता की थी। उसके बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लंबे समय तक राज्यपाल शासन और फिर उपराज्यपाल शासन लागू रहा।
उमर अब्दुल्ला की इस उपस्थिति को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की वापसी और स्थानीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी का संकेत है। समारोह में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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उमर अब्दुल्ला ने ध्वजारोहण के बाद शांति, विकास और आपसी भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा देशभक्ति की मिसाल पेश की है। हमें मिलकर राज्य को आगे बढ़ाना है और नई चुनौतियों का सामना करना है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम केंद्र सरकार और स्थानीय नेतृत्व के बीच संबंध सुधारने तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
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