आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने अपने सांसदों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि वे मतदान प्रक्रिया को सही ढंग से समझ सकें और किसी भी तकनीकी त्रुटि से बचा जा सके।
विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने सभी सांसदों से समर्थन की अपील जारी की है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण सत्र में सांसदों को मतदान की गोपनीयता, बैलेट पेपर पर सही तरीके से वोट डालने और प्रक्रिया से जुड़े अन्य पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि तकनीकी कारणों से कोई वोट अमान्य न हो।
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विपक्षी दलों ने दावा किया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत और सर्वसम्मत चुनौती पेश की जाएगी। हालांकि, सत्ता पक्ष के पास बहुमत होने के कारण यह मुकाबला कठिन माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष इस चुनाव के जरिये एकता का संदेश देना चाहता है और भविष्य में होने वाले बड़े चुनावों के लिए तालमेल मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
प्रशिक्षण सत्र में प्रमुख विपक्षी दलों के नेता और संसदीय कार्य के जानकार विशेषज्ञ शामिल होंगे। उम्मीद है कि इस पहल से विपक्षी सांसदों में अनुशासन और समन्वय बढ़ेगा।
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