संसद के मानसून सत्र के 17वें दिन राज्यसभा ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक खेल प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है।
विधेयक में खेल संगठनों के संचालन में सुधार, खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा और खेल क्षेत्र में शासन प्रणाली को मजबूत करने के प्रावधान शामिल हैं। यह कदम देश में खेलों के विकास को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वहीं, लोकसभा ने दो विधेयक - खनिज और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 और भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 को बिना किसी बहस के पारित कर दिया। खनिज संशोधन विधेयक से खनिज संसाधनों के विकास और विनियमन में सुधार की उम्मीद है, जबकि भारतीय बंदरगाह विधेयक बंदरगाहों के प्रबंधन और संचालन को सुव्यवस्थित बनाने का प्रयास करता है।
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इसके अलावा, लोकसभा ने दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 को एक चयन समिति को भेज दिया है, ताकि विधेयक के प्रावधानों का गहराई से विश्लेषण किया जा सके और आवश्यक सुधार सुझाए जा सकें।
संसद के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई हैं, जो देश के आर्थिक, खेल और प्रशासनिक क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए जरूरी हैं। सरकार ने इन विधेयकों के माध्यम से विकास को गति देने और व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया है।
इस तरह के कदम देश के समग्र विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए अहम माने जा रहे हैं।
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