काफी समय से लंबित संसद संग्रहालय (पार्लियामेंट म्यूजियम) परियोजना अब गति पकड़ती नजर आ रही है और इसके अगले तीन महीनों में पूरा होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, योजना और निर्माण कार्य फिलहाल एक साथ चल रहे हैं और संग्रहालय को अप्रैल 2026 तक आम जनता के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है। यह परियोजना मूल रूप से अगस्त 2023 तक पूरी होनी थी, लेकिन सामग्री (कंटेंट) से जुड़े विवादों और अन्य कारणों के चलते इसमें लगभग तीन साल की देरी हो गई।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना की लागत भी बढ़ गई है। जहां पहले इसका अनुमानित खर्च करीब 15 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर लगभग 24 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। देरी और संशोधित योजनाओं के कारण लागत में यह वृद्धि हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, उन्नत संग्रहालय में जगह की सीमाओं को देखते हुए प्रदर्शनी की अवधारणा में भी बदलाव किया गया है। संविधान सभा के जीवन-आकार की मूर्तियां और कुछ बड़े ऐतिहासिक प्रदर्श शायद स्थान की कमी के कारण संग्रहालय में शामिल न किए जा सके। इसके बजाय, संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीक और इंटरएक्टिव डिस्प्ले पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि सीमित स्थान में अधिकतम जानकारी और सामग्री को दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके।
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संसद संग्रहालय को नौ प्रमुख थीम्स पर आधारित किया जाएगा, जिनके जरिए भारतीय लोकतंत्र की यात्रा, संविधान निर्माण, संसदीय परंपराओं, लोकतांत्रिक मूल्यों और ऐतिहासिक घटनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा। इस संग्रहालय का उद्देश्य न केवल देश के नागरिकों बल्कि विदेशी पर्यटकों और छात्रों को भी भारतीय संसद की कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक विरासत से परिचित कराना है।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि इंटरएक्टिव तकनीक के उपयोग से संग्रहालय अधिक आकर्षक, आधुनिक और शिक्षाप्रद बनेगा, जिससे आगंतुकों को एक जीवंत और यादगार अनुभव मिलेगा।
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