भारत सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है जिसके तहत 2024 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदू, सिख, जैन समुदाय के लोगों को भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी।
यह आदेश उन लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, विशेष रूप से पाकिस्तान से आए हिंदुओं के लिए, जो 2014 के बाद भारत आए थे और अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे।
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस निर्णय से न केवल उत्पीड़ित समुदायों को सुरक्षा मिलेगी बल्कि उन्हें बिना कानूनी परेशानियों के भारत में बसने का अवसर भी प्राप्त होगा। यह कदम नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के व्यापक प्रावधानों के अनुरूप माना जा रहा है, हालांकि यह सीधे तौर पर CAA के लागू होने की प्रक्रिया से अलग है।
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कई मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक समूहों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय उन शरणार्थियों को राहत देगा जो वर्षों से भारत में रह रहे हैं और जिनके पास किसी भी अन्य देश की नागरिकता या सुरक्षा नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस आदेश से हजारों परिवारों को कानूनी दर्जा मिलेगा और वे भारत में शिक्षा, रोजगार और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। सरकार का यह कदम भारत की पारंपरिक शरणदाता नीति को भी मजबूत करता है।
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